Saturday 16 April 2011

हाइकु



21
बेबस पिता
त्योहार का मौसम
वेतन दूर ।
22
मुन्ना निहारे
हाथ लिये अठन्नी
सजी दुकान
23
घमंडी चाँद
रात में न  निकला
दिया मुस्काया  ।
24
खड़ा अकेला
सीमा पर सैनिक
तभी  दिवाली
25
दिवाली -भोज
 जूठे पत्तल चाटें
वो और कुत्ते ।
26
झोपडी छोड़
लक्ष्मी धरे आसन
ऊँचे   आँगन
27
सिकुड़ी खड़ी
कोहरे में लिपटी
बेबस रात ।
28
बच्चे की भूख
बाजार में बिकती
बेबस थी माँ॥
29
टाट ओढ़  के
खुले में सोता छोटू 
याद आती माँ।
30
अलाव जले
चारो ओर आ बैठे
जो दिल मिले।
31
 शीत उतरा
ठिठुरता सूरज
घर में  छुपा 
32
मरते चीते
उजड़ता जंगल
चेतो इन्सान।
33
हारा इन्सान
अपने ही जाये से
 शिकवा क्यों ?
34
आज के गीत
घर गाती  बेटियाँ
शर्मिंदा पिता ।
35
बच्चों के लिए
माँ हो गई बुढ़िया
पता न चला ।
36
तुम्हारे साथ
ख़त्म हुई जिंदगी
पता न चला ।
37
न कोई आस
बुढ़ापे का साथ तो
केवल  प्यार 
38
बहन थकी
भाई ने दिया साथ
चाँद हो गई ।
39
आँखों में चुभे
घायल से सपने
रोये उम्मीद
40
विदेशी हवा
उडा के  लेती  गई 
पिया का प्यार
41
तारों की छाँव
बिताता था रात वो
प्यारों की  घात
-0-

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