आज कुछ माहिया .शायद आपको पसंद आये
हर ओर दिवाली है
घर तो सूना है
और जेब खाली है
२
चौखट पर दीप जले
मन अँधियारा है
नीले गगन के तले
३
तुम आज चले आना
मन के चौखट पर
दीप जला जाना
४
बापू उदास लेटे
पटाखे मत मांग
चुप हो जा तू बेटे
५
दो दिन से काम नहीं
आज दिवाली है
देने को दाम नहीं
६
हमको आराम नहीं
दुआ गरीबों की
सुनते क्यों राम नहीं
हर ओर दिवाली है
घर तो सूना है
और जेब खाली है
२
चौखट पर दीप जले
मन अँधियारा है
नीले गगन के तले
३
तुम आज चले आना
मन के चौखट पर
दीप जला जाना
४
बापू उदास लेटे
पटाखे मत मांग
चुप हो जा तू बेटे
५
दो दिन से काम नहीं
आज दिवाली है
देने को दाम नहीं
६
हमको आराम नहीं
दुआ गरीबों की
सुनते क्यों राम नहीं