कदंब का पेड़ था
यमुना के तीरे
आती थी एक डाल उसकी
अंगना धीरे धीरे
बिटिया ता पर झुला झूले
मन में कुसुम फूले
बाबा खटिया पर बैठे
गुड गुड हुका पीले
बाहर कदंब की छाँव तले
पन्च घाव सभी के सीले
चली कुछ एसी शहरी हवा
ख़ुशी का हर पल खो गया
बाबा का राज गया
बेटों ने बागडोर संभाली
निवाला बटा खेत बटा
अलग होगई थाली
कदंब में गुण हैं कितने
जब जान गई दुनिया सारी
फूल निचोड़े,पत्ती तोडी
छाल छील डाली
उड़ गए पंछी जीवन रोया
घोसला होगया खाली
हुक्का ठंडा होगया
खटिया सूनी सारी
बाहर कदंब सूखता गया
आँगन में घर का माली
यमुना के तीरे
आती थी एक डाल उसकी
अंगना धीरे धीरे
बिटिया ता पर झुला झूले
मन में कुसुम फूले
बाबा खटिया पर बैठे
गुड गुड हुका पीले
बाहर कदंब की छाँव तले
पन्च घाव सभी के सीले
चली कुछ एसी शहरी हवा
ख़ुशी का हर पल खो गया
बाबा का राज गया
बेटों ने बागडोर संभाली
निवाला बटा खेत बटा
अलग होगई थाली
कदंब में गुण हैं कितने
जब जान गई दुनिया सारी
फूल निचोड़े,पत्ती तोडी
छाल छील डाली
उड़ गए पंछी जीवन रोया
घोसला होगया खाली
हुक्का ठंडा होगया
खटिया सूनी सारी
बाहर कदंब सूखता गया
आँगन में घर का माली
No comments:
Post a Comment