Friday 23 January 2015



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 आशा किरण घर घर फैले
आँगन आँगन खुशियाँ डोलें
ज्योतिर्मय हो मन लहराए
आओ एक दीप जलाएं

निशा दिवस बन जाए
घटा हँसी की चहुँ और छाये
बरसे प्रेम रस सभी नहायें
आओ एक दीप जलाएं

ज्ञान का अलोक हो
निर्भय जन मन प्राण हो
आस गंगा धरती पे बहायें
आओ एक दीप जलाएं


गणेश लक्ष्मी हर घर आसन धरें  
कष्ट मिटायें लक्ष  दोष हरें  
लक्ष्मी विष्णु प्रिया 
गणेश विघ्न विनाशक  कहलायें  
आओ एक दीप जलाएं

हरगोविंद जी का मुक्त दिवस हो
या स्वामी महावीर को निर्वाण  मिला हो 
राम जी अयोध्या आ पहुंचे हों
या पांडव ने पूरा बनवास किया हो
हो कारण कोई भी
प्रेम का तोरण हर द्वार सजाएँ
खुशियों  की सौगात लुटाएं
आओ एक दीप जलाएं

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