Wednesday, 13 November 2013

बरसे प्यार
सब के  आँगन में
माँ का आशीष
-० -
बाधा हटाये
हर कष्ट हरे वो
शेरा वाली माँ
-०-
भारत हर्षे
हो पापीयों का नाश
कृपा करो  माँ
-०-
महिषासुर
मर्दिनी तू अम्बे  है
रक्षा करो माँ

-०-
माँ जगदम्बे
तेरे होते क्यों बच्चे
हुए  अनाथ
-०-
तू है  महान
मैया तेरी आरती
तीर्थ सामान
-०-
नैनो की ज्योति
करे  जग उजाला
तू ही सहारा

शूल धारिणी ,
खडग धारिणी माँ
तेरी जय हो

भद्रकाली  माँ
तू सौभाग्य दायिनी
पाप नाशिनी

ब्रह्मचारिणी
सबके हृदय में
वास तिहारा

लाल बिंदिया
लाल रंग चुनरी
माँ का श्रृंगार

हलवा पूड़ी
जो श्रद्धा से बनाई
माँ मन भायी

वैष्णो देवी का
जब आये बुलावा
तभी जा पायें

महागौरी माँ
मेरे मन आँगन
कभी तो आओ

सदा करे जो
कवच का पाठ ,वो
हो भय मुक्त

आकर तू ही
 जल रूप में ,तृप्त
करे धरा को

तू ही विराजे
मेरे मन -आसन
महागौरी माँ

हो तेरी कृपा
तो अँधा भी देखे
सुख के रंग

भक्तों की पीड़ा
तुझसे बेहतर
समझे कौन ?

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