छूटे है बचपन सखी री
फेरे आये मंडप में
सात वचनो के साथ
मेंहन्दी पीसी पत्थर पे
सजे बन्नी के हाथ
भीगा है सपन सखी री
छूटे है बचपन सखी री
खेल खिलौने रूठे
करें न मुझसे बात
गुड़िया रोये घूँघट में
आँगन सारी रात
भोला था छुटपन सखी री
छूटे है बचपन सखी री
समधी बैठे आँगन
खाने भात
गारी की संग में
मिली सौगात
कैसा अनोखापन सखी री
छूटे है बचपन सखी री
फेरे आये मंडप में
सात वचनो के साथ
मेंहन्दी पीसी पत्थर पे
सजे बन्नी के हाथ
भीगा है सपन सखी री
छूटे है बचपन सखी री
खेल खिलौने रूठे
करें न मुझसे बात
गुड़िया रोये घूँघट में
आँगन सारी रात
भोला था छुटपन सखी री
छूटे है बचपन सखी री
समधी बैठे आँगन
खाने भात
गारी की संग में
मिली सौगात
कैसा अनोखापन सखी री
छूटे है बचपन सखी री
No comments:
Post a Comment