चम्पे की छटा ने
मौसम का घर लूटा
पेड़ की फुनगी पे बैठी
मंद मंद मुस्काए
आती जाती घटाओं का
दिल ये लुभाए
दादी की धोती पर
ज्यों हल्दी का छीटा
चम्पे की छटा ने
मौसम का घर लूटा
हरे पात का बिछौना
जिस पर चम्पा सोये
पलकों के खेतों में
सपनो के बीज बोये
सफ़ेद मखमल पर कढ़ा
पीले रंग का बूटा
चम्पे की छटा ने
मौसम का घर लूटा
हवा की डोली चढ़
सुगन्ध इसकी डोले
जो बीजे प्यार से
ये उसी की हो ले
आँसू आये आँख में
साथ जो छूटा
चम्पे की छटा ने
मौसम का घर लूटा
चंपा के छाँव तले
बाबा डाले खटिया
फ़्रोक में फूल बटोरे
मालिन की बिटिया
दूध - कटोरे में
केसर का रंग फूटा
चम्पे की छटा ने
मौसम का घर लूटा
मौसम का घर लूटा
पेड़ की फुनगी पे बैठी
मंद मंद मुस्काए
आती जाती घटाओं का
दिल ये लुभाए
दादी की धोती पर
ज्यों हल्दी का छीटा
चम्पे की छटा ने
मौसम का घर लूटा
हरे पात का बिछौना
जिस पर चम्पा सोये
पलकों के खेतों में
सपनो के बीज बोये
सफ़ेद मखमल पर कढ़ा
पीले रंग का बूटा
चम्पे की छटा ने
मौसम का घर लूटा
हवा की डोली चढ़
सुगन्ध इसकी डोले
जो बीजे प्यार से
ये उसी की हो ले
आँसू आये आँख में
साथ जो छूटा
चम्पे की छटा ने
मौसम का घर लूटा
चंपा के छाँव तले
बाबा डाले खटिया
फ़्रोक में फूल बटोरे
मालिन की बिटिया
दूध - कटोरे में
केसर का रंग फूटा
चम्पे की छटा ने
मौसम का घर लूटा
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