Friday 23 January 2015



भारत की खुशबू
यहाँ भी आती है
जब बेटी घर में आरती गाती है

हरी चूड़ियों के
गीत वहाँ  बजते हैं
सावन आते ही
पेड़ों पर झूले पड़ते हैं
सजनी जो
'ऐ जी' कह कर बुलाती है
भारत की खुशबू
यहाँ भी आती है

तिरंगे से उगे सूरज
जग सबेरा हो
यादों के पंछी का
गली बसेरा हो
"जन गण"  की धुन
रूह सहलाती है
भारत की खुशबू
यहाँ भी आती है

पावन धरती दे
नदियों   को सहारा
रंगबिरंगी बोली से
रंगा देश सारा
स्नेह  घूप
मन- आँगन महकाती  है
भारत की खुशबू
यहाँ भी आती है

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