Wednesday 24 August 2011

मेज़र शहीद
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अभी ट्रेन को आने में करीब एक घन्टा बाकी था उसने सोचा की चलो सुभ्रा को फ़ोन करके बता दूँ .वह  स्टेशन के बाहर लगे एक सार्वजानिक फ़ोन बूथ की ओर  बढ़ गया . शुभान ने आज ही जम्मू यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर ज्वाइन किया था उसकी खुशियों का ठिकाना न था .आज के समय में स्थाई नौकरी कहाँ मिलती है .शुभान ने ज्वाइन करने के साथ ही पैतृक अवकाश के लिए आवेदन देदिया क्योंकी शुभ्र को वो अस्पताल में छोड़ कर  आया था .उसके घर में पहली बार एक नन्ही किलकारी गूंजने वाली थी .नौकरी का मामला न होता वो शुभ्र को इस हाल में छोड़ के कभी नहीं आता
."हेल्लो शुभ्रा ".
"हाँ कहिये ,ज्वाइन कर लिया ".
"हाँ कर लिया तुम कैसी हो".
"ठीक हूँ ".
"अभी स्टेशन के बाहर से बोल रहा हूँ .ट्रेन एक घन्टा लेट है .तो तुम परेशान न होना घर पहुँचने में थोड़ी देर हो जाएगी."
अभी शुभान बात ही कर रहा था कि  उसने देखा बाहर अफरातफरी का मौहाल था लोग  भाग रहे थे .एक आदमी कह रहा था कि  स्टेशन पर आतंकवादी हमला हो गया है .गोलियां चल रही है
""हेल्लो !!!!!क्या हुआ तुम चुप क्यों  हो गए ?"
"कुछ नहीं अभी पता चला है की ट्रेन निरस्त हो गई है तुम घबडाना नहीं .मै ठीक हूँ कल आऊंगा . मै बाद में फोन करता हूँ"" 
.इस हालत में शुभ्रा  को कुछ भी बताना उसने ठीक नहीं समझा .फ़ोन रख कर वह  गेस्ट हॉउस में वापस आगया .कल जाने का आरक्षण ले कर वह सो गया , सुबह कैंटीन का श्यामू  चाय के साथ अख़बार ले आया . शुभान अख़बार देखने लगा तो श्यामू ने कहा, " साहब आपको पता है कि कल स्टेशन पर जब गोलियां चल रही थी तो आर्मी वाले अपनी अपनी पोजीशन ले के गोलिया चला रहे थे लेकिन  आतंकवादी को मार  नहीं पा  रहे थे बहुत लोग मर रहे  थे तभी एक मेजर सामने आकर गोलियां चलने लगा उसको तीन  गोलियां लगीं पर वह  लड़ता रहा और उसने आतंकवादी को मार दिया .फिर अपने अफसर की गोद में गिर पड़ा ..मिशन पूरा हुआ कहा और   दम तोड़ दिया ."
."इतना सब हुआ पर पेपर में तो कुछ भी नहीं लिखा है "शुभान पेपर देखते हुए आश्चर्य से बोला
"साहब हमारे पत्रकारों को ये कोई खास खबर नहीं लगी होगी .नकली नायकों के सामने असली नायक को कौन पूछता है "श्यामू आँखें पोछता हुआ बोला .
अख़बार का प्रथम पृष्ट नेता की चाटुकारिता ,राजनीत के षड्यंत्र और  फिल्मों  की समीक्षा से भरा  था.बहुत खोजने पर अख़बार में अंदर एक कोने में छोटा  सा लिखा था ..मेजर शहीद .


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